The Definitive Guide to kahani story moral
The Definitive Guide to kahani story moral
Blog Article
एक बार गांव के अन्य किसानों ने रामलाल से पूछा, रामलाल, तुम्हारे पास इतना उत्तम उत्पादन का लक्ष्य क्या है? रामलाल हंसते हुए जवाब दिया, मेरा रहस्य तो यह है कि मैं किसान की जगह सोचता हूं। मैं अपनी फसल को विचारपूर्वक देखभाल करता हूं। इसके साथ ही उसने अपनी कुशलता और मेहनत का सम्मान किया।
एक घना जंगल था वहाँ चार बैल रहते थे। चारों बैल में काफी गहरी मित्रता थी। शेर की एक इच्छा थी वो चाहता था कि इन में से अगर कोई बैल मुझे अकेला मिल जाये तो मैं उसे मार कर खा जाऊँ। पर शेर की ये इच्छा कभी पूरी नहीं हुई। चारो बैल हमेशा झुंड बनाकर रखते थे और हमेशा एक दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहते थे।
इस परेशानी से थक हर कर वह निराश हो कर जमीन पर बैठ गया। बहुत सोचने के बाद अंतत: उसे इस परेशानी से निकलने का समाधान मिल गया उसने पहले बकरी को साथ में लिया और नदी के उस पर छोड़ आया। दूसरे चक्कर में वह शेर को नदी पर ले आया, लेकिन लौटते वक्त किसान वापस बकरी को नदी के इस पर ले आया। इस बार वह बकरी को इस पार छोड़ कर उस पार घास के गट्ठर को शेर के पास छोड़ आया, इस बार किसान खली नव लेकर गया और उस पर खड़ी बकरी को भी इस पर ले आया इस तरह किसान ने अपनी सूझभूझ से बिना किसी नुकसान हुए नदी पर कर ली।
श्याम भी उन दोस्तों के साथ बाहर में खाना – पीना और घूमना करता।
अकस्मात वहां एक भील जाति का शिकारी आ गया और उसने शेर पर हमला करके उसे मार भगाया।
कुछ समय बाद मदन के पिताजी उनसे मिलने शहर आए।
एक दिन जब रामू अपने खेतों में काम कर रहा था तो उसने मदद के लिए एक धीमी सी पुकार सुनी। उत्सुकतावश उसने आवाज का पीछा किया और पाया कि एक छोटी सी गौरैया जाल में फंसी हुई थी और छूटने के लिए संघर्ष कर रही थी। बिना किसी हिचकिचाहट के रामू ने धीरे से गौरैया को जाल से मुक्त किया और उसके घायल पंख को स्वस्थ किया।
एक बार की बात है एक गाँव में गरीब किसान अपनी पत्नी की साथ रहता था उसके पास एक गाय और थोड़ी सी खेती के लिए जमीन थी जहा वह दिन भर अपने खेतो में काम करता था तब कही जाकर उसे more info खाने के लिए अनाज हो पाते थे इस तरफ से किसान अपना किसी तरह जीवन गुजारा करते थे जिस कारण से किसान की पत्नी हमेसा अपने भाग्य और भगवान को कोसती रहती थी की ना जाने किस जनम का पाप इस जनम में भरना पड़ रहा है जो की गरीबी में जीवन जीना पड़ रहा है,
पांचो पुत्र बहुत हैरान हुए और उन्होंने पिता से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया। फिर उसने कहा, वे सब लाठियां एक साथ इकट्ठी थी, सो उन में इतना बल था कि सारा गट्ठर तुमसे से न टूटा। लेकिन जब एक एक लाठी अलग हो गई, तो उसे दूसरी छड़ियों के बल से सहारा नहीं मिला। तो यह तुरंत टूट गया।
मैं अब गाँव का सबसे धनी आदमी हूँ, और मुझे पहले की तरह काम करने की कोई ज़रूरत नहीं है।”
आलसी मछली और एक और मित्र भी उन सभी मछलियों के साथ जाल में पकड़ी गई।
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अगर हम सच्चे मन और बिना स्वार्थ के किसी की मदद करेंगे तो भगवान हमारी मदद जरूर करेंगे।
शिक्षा – हमें हमेशा समझदारी से काम लेना चाहिए।
Hindi story for kids with moral
Report this page